हरिद्वार, उत्तराखंड का पवित्र द्वार, गंगा नदी के तट पर स्थित है और इसे चार धाम यात्रा का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। यहाँ की आध्यात्मिकता, घाटों की आरती, प्राचीन मंदिर और प्राकृतिक सुंदरता हर यात्री को आकर्षित करते हैं।
हरिद्वार का धार्मिक महत्व
- हरिद्वार का अर्थ है – हरि का द्वार यानी भगवान विष्णु का द्वार।
- यह हिन्दुओं के सात पवित्र स्थानों (सप्तपुरी) में से एक है।
- माना जाता है कि यहाँ गंगा स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं।
- हरिद्वार ही वह स्थान है जहाँ कुंभ मेला का आयोजन होता है (हर 12 साल में एक बार)।
हरिद्वार घूमने की प्रमुख जगहें
1. हर की पौड़ी
- सबसे प्रसिद्ध घाट, जहाँ गंगा आरती होती है।
- शाम को दीप जलाकर गंगा में बहाना अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है।
2. मनसा देवी मंदिर
- बिल्व पर्वत पर स्थित माता मनसा देवी का मंदिर।
- यहाँ रोपवे (उड़नखटोला) से जाना सबसे आकर्षक अनुभव है।
3. चंडी देवी मंदिर
- नील पर्वत पर स्थित माता चंडी का मंदिर।
- रोपवे और ट्रैकिंग दोनों से पहुँचा जा सकता है।
4. माया देवी मंदिर
- हरिद्वार का एक प्राचीन शक्तिपीठ।
- माँ सती के हृदय और नाभि यहाँ गिरे थे।
5. भारत माता मंदिर
- 8 मंजिला मंदिर जिसमें भारत माता और विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमाएँ हैं।
6. दक्षेश्वर महादेव मंदिर
- प्राचीन शिव मंदिर, जहाँ दक्ष प्रजापति का यज्ञ हुआ था।
7. शांति कुंज (गायत्री परिवार)
- योग, ध्यान और आध्यात्मिक साधना का केंद्र।
- यहाँ देश-विदेश से साधक आते हैं।
8. पातालपुरी और भीमगोड़ा कुंड
- धार्मिक मान्यता के साथ प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव।
हरिद्वार में करने योग्य गतिविधियाँ
- गंगा स्नान और गंगा आरती में शामिल होना।
- घाटों पर दीपदान करना।
- योग और ध्यान की साधना।
- ट्रैकिंग और मंदिर यात्रा।
- स्थानीय बाजार से धार्मिक वस्तुएँ और प्रसाद खरीदना।
हरिद्वार का भोजन
- हरिद्वार शाकाहारी भोजन के लिए प्रसिद्ध है।
- पूड़ी-कचौरी, आलू पूरी, छोले-भटूरे, रबड़ी-जलेबी यहाँ की पहचान हैं।
- घाट के किनारे लस्सी और ठंडाई का स्वाद जरूर लें।
हरिद्वार में ठहरने की व्यवस्था
- यहाँ हर बजट के अनुसार होटल, धर्मशाला और आश्रम उपलब्ध हैं।
- हर की पौड़ी के आसपास अधिकतर धर्मशालाएँ और होटल मिल जाएंगे।
- शांति कुंज और विभिन्न आश्रमों में भी रुकने की व्यवस्था रहती है।
हरिद्वार कैसे पहुँचें?
- रेल मार्ग: हरिद्वार जंक्शन, दिल्ली, लखनऊ, जयपुर और देशभर से जुड़ा है।
- सड़क मार्ग: NH-58 से हरिद्वार आसानी से पहुँचा जा सकता है।
- हवाई मार्ग: सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जॉली ग्रांट एयरपोर्ट (देहरादून) है, जो 35 किमी दूर है।
हरिद्वार घूमने का सही समय
- अक्टूबर से मार्च – धार्मिक यात्रा और ठंडी हवाओं का आनंद।
- अप्रैल से जून – ग्रीष्मकाल में यात्रा (गंगा स्नान का विशेष महत्व)।
- सावन और कुंभ मेला – भीड़ और उत्सव का अद्भुत अनुभव।
यात्रा टिप्स
- घाटों पर सावधानी से स्नान करें।
- भीड़भाड़ में अपनी जेब और सामान का ध्यान रखें।
- शुद्ध शाकाहारी भोजन का ही सेवन करें।
- गाइड लेने से धार्मिक स्थलों की बेहतर जानकारी मिलती है।
ख़ास बात
हरिद्वार केवल एक धार्मिक स्थान ही नहीं, बल्कि यह आध्यात्मिक शांति, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम है। यहाँ गंगा आरती का दिव्य अनुभव जीवनभर याद रहता है। अगर आप भारत में किसी पवित्र स्थान की यात्रा करना चाहते हैं तो हरिद्वार आपकी सूची में सबसे ऊपर होना चाहिए।