धुले शहर में जब भी जनहित के मुद्दे उठे हैं, वहां सबसे आगे एक ही चेहरा दिखाई दिया है – श्री संजय “बंटी बाबा” सोनवणे। महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (MNS) के धुले शहर अध्यक्ष के रूप में वे लगातार जनता की समस्याओं को आवाज देते आए हैं।
संजय सोनवणे और राज साहब ठाकरे के साथ निष्ठा
MNS की स्थापना से लेकर आज तक श्री संजय सोनवणे ने श्री राज साहब ठाकरे के साथ अपनी अटूट निष्ठा दिखाई है। राजनीति में उनका सफर इस बात का प्रमाण है कि वे केवल पार्टी के लिए ही नहीं, बल्कि जनता के लिए संघर्षरत सच्चे कार्यकर्ता हैं।
जनता के लिए संघर्ष और आंदोलन
बिजली विभाग की समस्याओं पर संघर्ष
धुले में बिजली विभाग की लापरवाही के खिलाफ कई आंदोलनों में संजय सोनवणे ने अग्रणी भूमिका निभाई।
टोल टैक्स विवादों में जनता की आवाज
टोल टैक्स की समस्याओं पर भी उन्होंने धुले के नागरिकों को राहत दिलाने के लिए सक्रिय संघर्ष किया।
हर मुद्दे पर जनता के साथ
चाहे नागरिक सुविधाओं की कमी हो, युवाओं की समस्याएं हों या स्थानीय प्रशासन की अनदेखी, वे हमेशा जनता के साथ खड़े रहते हैं।
युवाओं के प्रति समर्पण
संजय “बंटी बाबा” सोनवणे हमेशा युवाओं को राजनीति और समाजसेवा के लिए प्रेरित करते हैं। उनका मानना है कि युवा ही देश और समाज का भविष्य हैं, और इसलिए वे हमेशा उन्हें मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान करते हैं।
सेवा ही उनका उद्देश्य
राजनीति में रहते हुए भी संजय सोनवणे ने जनसेवा को ही अपना धर्म माना है। उनका हर कदम इस सोच को दर्शाता है कि “नेता वही, जो जनता के साथ खड़ा रहे।”
जानिये
धुले शहर की राजनीति में संजय “बंटी बाबा” सोनवणे का नाम जनसेवा, संघर्ष और ईमानदारी का प्रतीक है।
MNS के धुले अध्यक्ष के रूप में उनका योगदान और राज ठाकरे जी के प्रति निष्ठा उन्हें जनता का सच्चा प्रतिनिधि बनाती है।